पन्ना
पन्ने
क्या है?
पन्ना को बुध ग्रह का रतन कहा जाता है यानी इसका स्वामी बुध है यानि इसका स्वामी बुध है। पन्ना चिकना, पारदर्शक और कड़क दार होता है। एकदम शुद्ध पन्ने का मिलना मुश्किल है। इस तरह के पन्ने का मूल्य शुद्ध प्राकृतिक माणिक्य और हीरे से भी अधिक होता है। यदि किसी व्यक्ति की आंखें किसी वस्तु को देखते देखते थक गई तो पन्ने से वे पुनः तरोताजा हो जाती हैं। यह कोमल वह नरम रतन होता है।
विभिन्न भाषाओं में बनने के भिन्न-भिन्न नाम है । संस्कृत में इसे मरकत, हिंदी और अंग्रेजी में एमराल्ड कहते हैं । यह लगभग 4000 वर्ष पूर्व से लोगों के बीच लोकप्रिय है। दृष्टिकोण से पन्ना ग्रेनाइट, मैग्नेटाइट वेज चुनने के पत्तों से मिश्रण से बनता है। पन्ने का इतिहास अत्यंत प्राचीन है अर्थात 4000 वर्ष पुराना है। रतन विशेषज्ञ व इतिहासकारों के अनुसार प्राचीन काल में पन्ने की खाने अधिकतर मिस्र के ऊपरी हिस्से में ही स्थित मिलती थी ।
पन्ने का धारक कौन ?
01
बुध रतन पन्ना है और बुध मिथुन राशि का स्वामी है। अतः मिथुन लग्न वाले के लिए पन्ना धारण करना सर्वोत्तम होता है। इससे चौतरफा लाभ होता है।
02
कन्या लग्न वाले के लिए भी पन्ना लाभदायक है, क्योंकि बुध कन्या लग्न और पन्ना रत्न का स्वामी है।
03
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध छठे आठवें भाव में स्थित हो, तो उसके लिए पन्ना पहनना लाभकारी होता है।
04
. यदि कुंडली में बुध मीन राशि में स्थित हो तो पन्ना धारण करना पर्म लाभप्रद होता है।
05
यदि बुध धनेश होकर नवम भाव में स्थित हो तो पन्ना पहनना कल्याणकारी माना जाता है।
06
अगर बुध श्रेष्ठ भाव का स्वामी होकर, अपने भाव से अष्टम स्थान में स्थित हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए।
07
. यदि बुध की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो पन्ना पहनना लाभकारी सिद्ध होता है।
08
यदि जन्म कुंडली में बुध श्रेष्ठ भाव- 2,3,4,5,7,9,10 अथवा 11 का स्वामी होकर अपने भाव से छठे स्थान पर स्थित हो तो पन्ना अति उत्तम होता है।
09
यदि बुध मंगल, शनि, राहु अथवा केतु के साथ स्थित हो, तो पन्ना पहनना शुभ माना जाता है।